अलीगढ़. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों की मौत मामले के आरोपित डॉक्टर कफील पर अब अलीगढ़ में रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया है। कफील ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए व एनआरसी के विरोध में भड़काऊ भाषण दिया था। इस मामले में 13 दिसंबर को पुलिस ने कफील पर मुकदमा दर्ज किया था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने उन्हें मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। 10 फरवरी को उन्हें जमानत मिली थी। मथुरा जेल में बंद कफील की रिहाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
यह है पूरा मामला
12 दिसंबर को डॉक्टर कफील अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पहुंचे थे। उन्होंने एएमयू में धरना दे रहे छात्रों के बीच विवादास्पद बयान दिया था। जिस पर थाना सिविल लाइन में उनके खिलाफ मुकदमा कायम किया गया था। जिसके बाद यूपी एसटीएफ ने डॉक्टर कफील खान को मुंबई से गिरफ्तार किया था। अलीगढ़ पुलिस ने कफील को जेल भेज दिया था। फिलहाल वह मथुरा की जेल में है।
जेल पहुंचे वकील को एनएसए की कार्रवाई का पता चला
कफील खान के अधिवक्ता ने कोर्ट में उनकी जमानत की अर्जी डाली, जिस पर दस फरवरी को सीजेएम कोर्ट ने डॉ कफील खान को जमानत दे दी। कोर्ट ने 60000 के दो बांड के साथ सशर्त जमानत दी कि वह भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं करेंगे। दस फरवरी को हुई डॉ कफील की जमानत के बाद उनकी अभी तक रिहाई नही हो पाई है। गुरुवार को उनकी रिहाई होनी थी। उनके वकील इरफान गाजी व अन्य लोग मथुरा जेल पहुंचे तो पता चला कि उनके ऊपर अलीगढ़ प्रशासन ने एनएसए लगा दिया है। एनएसए लगने के बाद उनकी रिहाई फिर रुक गई।
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