जीवन मंत्र डेस्क. बुधवार, 5 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इस तिथि को जया और अजा एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए विशेष पूजा और व्रत-उपवास किया जाता है। बुधवार और एकादशी का योग होने से इस दिन विष्णुजी के साथ ही गणेशजी की पूजा भी खासतौर पर करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए इस बुधवार और एकादशी के योग में कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...
स्कंद पुराण में बताया गया है सभी एकादशियों का महत्व
हिन्दी पंचांग के अनुसार एक माह में दो पक्ष होते हैं और हर पक्ष में एकादशी आती है। इस तरह 12 माह में कुल 24 एकादशियां आती हैं। जिस वर्ष में अधिकमास होता है, तब 26 एकादशियां आती हैं। सभी एकादशियों का महत्व स्कंद पुराण के एकादशी महात्म्य अध्याय में बताया गया है। मान्यता है कि एकादशी पर व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत किया जाता है और पूजा के बाद ब्रह्माणों को दान दिया जाता है। लक्ष्मी-विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
कैसे कर सकते हैं महालक्ष्मी-विष्णुजी की सरल पूजा
एकादशी पर स्नान के बाद भगवान विष्णु का लक्ष्मीजी के साथ पूजन करें। अभिषेक करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और अभिषेक करें। पूजन में फल-फूल, गंगाजल, धूप दीप और प्रसाद आदि अर्पित करें। दिन में एक समय फलाहार करें। रात में भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं। भगवान के मंत्रों का जाप करें। अगले दिन यानी द्वादशी पर किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें। इसके बाद भोजन ग्रहण करें। इस व्रत में किसी भी तरह के गर्म वस्त्रों का दान करना बड़ा बहुत शुभ माना जाता है।
एकादशी पर ये शुभ काम भी करें
> गणेशजी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं और श्री गणेशाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।
> भगवान विष्णु को केले और हलवे का भोग लगाएं। विष्णुजी को पीले वस्त्र चढ़ाएं।
> गणेशजी की पूजा गजानंद के रूप में की जाती है। इसीलिए किसी हाथी को गन्ना खिलाएं।
> गणेशजी के साथ ही रिद्धि-सिद्धि की भी पूजा करें। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
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