नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर गुरुवार को आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार किया है। मिश्रा इससे पहले बैकफुट पर थे, क्योंकि उनके कथित भड़काऊ वीडियो के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को उन पर मुकदमा दर्ज करने को कहा था।
मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के लिए केजरीवाल के साथ ही आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह पर आरोप लगाया है। मिश्रा ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा-
”डंके की चोट पर कह रहा हूं। अगर दंगों के दिनों की ताहिर हुसैन के फोन के कॉल डिटेल्स खुल गई तो दंगों में और अंकित शर्मा की हत्या में संजय सिंह और केजरीवाल दोनों की भूमिका सामने आ जाएगी।”
खुफिया ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा का शव बुधवार को दंगा प्रभावित इलाके में एक नाले से बरामद किया गया था। आईबी के कर्मचारी के परिजनों ने कथित तौर पर नेहरू विहार के पार्षद ताहिर हुसैन पर शर्मा की मौत की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद मिश्रा ने आप पार्टी के खिलाफ पटलवार किया है।
हालांकि आप नेता हुसैन ने एक वीडियो साझा कर दावा किया है कि उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और वह दो दिनों तक अपने घर में मौजूद नहीं थे।
पूर्वोत्तर दिल्ली में इस हफ्ते हुई भीषण हिंसा में अब तक कम से कम 34 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
यहां नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच रविवार को पहली बार संघर्ष हुआ था, जिसके बाद हिंसा बढ़ती चली गई।
इससे पहले कपिल मिश्रा ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था-
”जिन्होंने कभी बुरहान वानी और अफजल गुरु तक को आतंकवादी नहीं माना, वो कपिल मिश्रा को आतंकवादी बता रहे हैं। जो याकूब मेनन, उमर खालिद और शरजील इमाम को रिहा करवाने कोर्ट जाते हैं, वो कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। जय श्री राम।”
हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कपिल मिश्रा, आप से भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने मॉडल टाउन से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन विधानसभा चुनाव हार गए।
आप ने कपिल मिश्रा पर लगाया दंगे भड़काने का आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि एक ओर गृहमंत्री हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति बहाली के लिए बैठकर कर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं।
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में गुरुवार को पांचवें दिन भी दुकानें नहीं खुलीं। हालांकि सड़कें जरूर राहगीरों से गुलजार रहीं। वजह कि पिछले दो दिनों से भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बाद से लोग सड़कों पर अब निकलना शुरू कर दिए हैं। पूरी तरह माहौल सामान्य होने में अभी कुछ और समय लगेगा।
सड़के गुलजार लेकिन दुकानें रहीं बंद
गुरुवार को आईएनएस ने हिंसा प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। देखा कि सीलमपुर रेड लाइट एरिया से लेकर जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर तक सड़क के दोनों तरफ मौजूद सैकड़ों दुकानों पर ताला लगा रहा। इस इलाके में अनाज, कपड़े, फल-फूल की दुकानें हों या फिर मेडिकल स्टोर, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल सभी पांचवें दिन भी बंद रहे। हालांकि पुलिस जनजीवन को सामान्य करने में जरूर जुटी हुई है। गलियों से लेकर मुख्य सड़क पर पुलिस का पहरा लगा है।
दरअसल, जिस तरह से तीन से चार दिनों में भारी हिंसा हुई, दुकानें लूटी गईं और 37 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, उससे दुकानदार अब भी दुकानें खोलने में डर रहे हैं। दुकानदारों को अब भी माहौल सुरक्षित नहीं लग रहा है। मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि अभी हालात सामान्य होने में एक से दो दिन और लगेंगे।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के कारण आवागमन शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली। सीलमपुर से मौजपुर, गोकुलपुरी रोड पर गुरुवार को ई रिक्शा, ऑटो आदि सवारियां भरते नजर आए, जबकि बुधवार तक सड़कें बंद थीं।
0 comments: