जीवन मंत्र डेस्क. एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक पिता अपने चार आलसी बेटों की वजह से बहुत दुखी था। उसके बेटे कोई भी काम नहीं करते थे। वे दिनभर आराम करते और किसान दिनभर मेहनत करता था। किसान बुढ़ा हो चुका था, एक दिन उसे लगा कि अब मेरा अंतिम समय निकट आ गया है। उसने चारों बेटों को बुलाया और कहा कि मैंने तुम चारों के लिए खेत में खजाना छिपा रखा है। मेरी मृत्यु के बाद तुम चारों खेद खोदकर उसे निकाल लेना और आपस में बराबर बांट लेना। इतना बोलते ही किसान की मृत्यु हो गई।
चारों बेटों ने खजाना खोजने के लिए खेत खोदना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में चारों ने मिलकर पूरा खेत खोद दिया। इस काम के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। दिन-रात एक कर दिए, लेकिन पूरा खेत खोजने के बाद भी उन्हें कोई खजाना नहीं मिला। इससे वे निराश हो गए। तभी उसके पास गांव के सरपंच पहुंचे।
गांव के सरपंच ने चारों लड़कों से कहा कि तुम चारों को निराश नहीं होना चाहिए, तुमने ये खेत तो खोद ही दिया है, अब बीज भी डाल दो और कुछ दिन खेत में पानी छोड़ देना। चारों लड़कों ने सरपंच की बात मानी और बीज डाल दिए, पानी छोड़ दिया। कुछ ही महीनों में खेत में फसल तैयार हो गई। किसान के चारों बेटे फसल देखकर बहुत खुश थे। उन्हें समझ आ गया कि उनके पिता ने इसी खजाने की बात की थी।
लाइफ मैनेजमेंट
इस कथा की सीख यह है कि मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है। जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं, उन्हें एक दिन सफलता जरूर मिलती है। आलस्य करने वाले लोगों को हमेशा परेशान होना पड़ता है।
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