जीवन मंत्र डेस्क. बुरी आदत कैसे छोड़ सकते हैं, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक संत अपने आश्रम में प्रवचन दे रहे थे, उसी समय एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला कि गुरुजी मुझे शराब की लत है। इसकी वजह से मेरे जीवन में परेशानियां बढ़ गई हैं। मैं इस लत को छोड़ना चाहता हूं, मेरे मित्रों ने कहा कि आप इस समस्या का हल बता सकते हैं। आपके प्रवचनों से मेरी समस्या खत्म हो सकती है। इसलिए मैं रोज आपके प्रवचन सुनने यहां आ रहा हूं, लेकिन मुझे कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
> संत उस व्यक्ति को लेकर एक कमरे में गए। कमरे में एक दीवार उनकी परछाई दिख रही थी। संत ने उस व्यक्ति को एक लड्डू दिया और कहा कि क्या तुम ये लड्डू इस परछाई को खिला सकते हो?
> व्यक्ति ने कहा कि गुरुजी ये कैसे संभव है? परछाई को लड्डू कैसे खिला सकते हैं?
> संत ने कहा कि भाई यही बात तुम्हारे साथ भी है। तुम परछाई को लड्डू खिलाने की कोशिश कर रहे हो। सिर्फ प्रवचन सुनने से बुरी आदतों से मुक्ति नहीं मिल सकती है। सिर्फ अच्छी बातें सुनने से कुछ सुधार नहीं हो सकता है, इन बातों को जीवन में उतारना पड़ता है। अगर तुम बुरी आदतों से मुक्ति चाहते हो तो तुम्हें खुद ही प्रयास करना होगा। अभी इसी समय शराब छोड़ने का संकल्प लो और छोड़ दो। यही एक मात्र उपाय है इस लत को छोड़ने का।
> व्यक्ति को संत की बातें समझ आ गई। उसने उसी समय शराब छोड़ने का संकल्प ले लिया।
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