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अमरोहा. दिल्ली में हिंसा के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के सिपाही अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आरोपीआम आदमी पार्टी से निलंबित दिल्ली नगर निगम के पार्षद ताहिर हुसैन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला है। 20 साल पहले वह अपने गांव पौरारा से दिल्ली मजदूरी करने गया था। पुलिस ने ताहिर के घर की छत से पेट्रोल बम, तेजाब के पाउच, गुलेल के साथ काफी संख्या में एसिड की बोतलें समेत तबाही का सामान पुलिस ने बरामद किया। यह मामला अब गांव में चर्चा का विषय बन गया है।
पांच भाइयों में सबसे बड़ा है ताहिर
अमरोहा के कोतवाली हसनपुर क्षेत्र के गांव पौरारा निवासी ताहिर हुसैन करीब 20 साल पहले दिल्ली मजदूरी करने गया था। अपने पांच भाइयों में सबसे बड़ा ताहिर हुसैन की गांव में कृषि भूमि एवं कोई अन्य रोजगार न होने पर उसने दिल्ली का ओर जबसे रुख किया तब से उसने वापस मुड़कर नहीं देखा। मजदूरी से भरण पोषण होने की उम्मीदें पूरी होते देख कुछ समय बाद ताहिर अपने पिता कल्लू उर्फ कल्लन सैफी समेत अपने परिवार को दिल्ली ले गया।
केजरीवाल से नजदीकियोंसे बढ़ाराजनीतिक रसूख
उसका एक भाई गांव में स्कूल चलाता है। दिल्ली में सैफी से हुसैन बने ताहिर ने दिल्ली में न केवल कारोबार स्थापित किया बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नजदीकियों के चलते राजनीति में भी पकड़ मजबूत बनाने के साथ आम आदमी पार्टी के टिकट पर पार्षद बन कर इलाके में धमक का एहसास भी कराया। वर्तमान में ताहिर करीब 18 करोड़ की संपत्ति का मालिक है। 8वीं पास ताहिर ने 2017 में पहली बार चुनाव लड़ा था।
पूर्व प्रधान बोले- अभी भी गांव में ताहिर की जमीन
पौरारा के पूर्व प्रधान जयपाल सिंह ने कहा- ताहिर हुसैन ने कुछ साल पहले गांव के अपने पुश्तैनी मकान को भी बेच दिया था। हालांकि गांव में उसकी अभी आवासीय जमीन खाली पड़ी हुई है। बीच-बीच में ताहिर साल में एक-दो बार पौरारा गांव में आता रहता है। पिछले एक साल से वह गांव नहीं आया है।
अमरोहा में आईएसआईएस का मॉड्यूल
बीते साल अमरोहा में आईएसआईएस के मॉड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए इस्लाम' का खुलासा हुआ था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने छापेमारी कर कई लोगों को पकड़ा था, जो इस मॉड्यूल से जुड़े थे। टीम ने कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक व हथियार बरामद किए थे। इसके बाद से अभी भी यहां खुफिया एजेंसी और एनआईए यहां सक्रिय रहती है।
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