जीवन मंत्र डेस्क. हिंदू कैलेंडर के अनुसार वसंत ऋतु 19 फरवरी से शुरू हो रही है और 19 अप्रैल तक रहेगी। भारतीय संस्कृति के अनुसार बसंत ऋतु में पीले रंग का खास महत्व है। पहनावा, प्रसादी से लेकर हर गतिविधियों में पीले रंग को महत्व दिया जाता है। धर्म और आध्यात्म में पीला रंग बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है वहीं सेहत के नजरिये से और मनोविज्ञानिक दृष्टिकोण से भी पीला रंग बहुत ही खास माना गया है।
- बसंत ऋतु पर सरसों की फसलें खेतों में लहराती हैं। पेड़-पौधों में नई कोपलें फूटती हैं। प्रकृति खेतों को पीले-सुनहरे रंगों से सजा देती है। जिससे पृथ्वी पीली दिखती है। बसंत का स्वागत करने के लिए पहनावा भी विशेष होना चाहिए इसलिए लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं जो हल्केपन, खुलेपन और गर्माहट का आभास कराता है।
मनोविज्ञान, सेहत और ज्योतिषीय नजरिये से पीले रंग का महत्व
सेहत : पीले-हरे रंग के फल सब्जियां दिमागी मजबूती देते हैं
डॉक्टरों के अनुसार पीला रंग से सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है। पीले और हरे रंग के फलों- पत्तेदार सब्जियों, तरबूज, एवोकाडो, ब्रोकली, कीवी, शिमला मिर्च आदि में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह नेत्ररोग से पीड़ित मरीजों के लिए फायदेमंद हैं। सप्ताह में दो-तीन बार पीले रंग के खाद्य पदार्थ का सेवन करने से शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। शरीर के अंदर बने रहने पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं। यह रंग तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है। दिमागी तौर पर मजबूत बनाता है।
साइंटिफिक : दूसरे की तुलना पीला आंखों के लिए आकर्षक
वैज्ञानिक कारणों को समझें तो दूसरे रंगों की तुलना में पीला रंग आंखों को जल्दी आकर्षित करता है। यही वजह है कि गाड़ियों की लाइट में और स्कूल बसों को पेंट करने के लिए भी इस रंग का प्रयोग होता है। पीला रंग एक ऐसा रंग है जिसे बारिश, कोहरा और ओस में भी इस रंग को आसानी से देख सकते हैं। फॉगिंग के दौरान सबसे दूर तक पीला रंग ही दिखाई दे सकता है, जिस कारण गाड़ियों में फॉग लाइट पीली ही होती है। इसलिए अक्सर अस्पतालों या विभागों में पीली पट्टी लगी होती है।
ज्योतिष : विज्ञान में बृहस्पति नव सृजन का कारक, जो पीला
राजस्थान विद्यापीठ की ज्योतिष संस्थान की विभागाध्यक्ष अलकनंदा शर्मा बताती हैं कि पीलापन बुद्धि पर स्फूर्ति प्रद प्रभाव डालता है। यह रंग आशावान और सकारात्मक सोच का प्रतीक भी माना जाता है। पीला रंग हिन्दुओं में शुभ माना जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। ज्योतिष विज्ञान में बृहस्पति नव सृजन का कारक होता है। जिसका रंग भी पीला है। सरस्वती पूजन पर पीले रंग का फल चढ़ाए जाते हैं। प्रसाद के रूप में बूंदियां भी चढ़ाई जाती हैं।
साइकोलॉजी : पीले परिधान में कॉन्फिडेंस बढ़ता है
साइकोलॉजिस्ट मनीष सालवी बताते हैं कि पीला रंग प्रकृति में पीलेपन के साथ जीवन में भी नव सृजन लाता है। पीला रंग में वो व्यक्ति है कि डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की मनोदशा को भी सुधार सकता है। पीला रंग हमारे दिमाग को अधिक सक्रिय करता है। जो महिलाएं महीने में कई बार पीले परिधान धारण करती हैं, उनका आत्मविश्वास ऐसा न करने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक सक्रिय होता है। मनोरोग से पीड़ितों को कई बार पीले रंग की चीजों के सामने रखने की सलाह दी जाती है जो खुशनुमा माहौल बनाता है।
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