प्रयागराज. असम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद मुमीनुल ओवाल ने खुद को हिंदू बताया। उन्होंने कहा- 'जिस तरह से असम के लोग अपने को असमिया कहते हैं, उसी तरह हिन्दुस्तान का रहने वाला हर नागरिक चाहे हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई हो, सभी हिन्दू हैं। हमारा धर्म भले ही इस्लाम है, लेकिन हिन्दुस्तान का नागरिक होने के नाते हम अपने को गर्व से हिन्दू कहते हैं।' झूंसी स्थित स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ के शिविर में आए ओवाल ने कहा- मेला क्षेत्र में मैं संतो का आशीर्वाद लेने आया हूं।
अविरल गंगा से होता है अनेकता में एकता को बोध
उन्होने कहा- अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों के बावजूद माघ मेला आकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई और स्वामी अधोक्षजानंद का आशीर्वाद लिया। उन्होने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता देखकर प्रसन्नता होती है। संगम आकर लघु भारत का अहसास के साथ अनेकता में एकता का बोध होता है। आस्था प्रबल होती है। संगम किनारे लोगों को आस्था की डुबकी लगाते देख मन प्रसन्नता से भर उठा। "मैने भी संगम में आस्था की डुबकी लगा
कर श्रद्धालुओं की तरह अपने को धन्य महसूस किया"।
मुस्लिम गुमराह न हों, अपने देश के हित में सोचें
नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के बारे में पूछे जाने पर ओवाल ने कहा कि यह कानून नागरिकता देने का है, छीनने का नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी शक्तियां भारत में सुख, शांति और विकास नहीं देखना चाहती हैं, वे यहां के मुस्लिमों को गुमराह कर रही हैं। देश के कुछ सियासी दल भी इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। उन्होने सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे मुस्लिम पुरुष और महिलाओं से अपील की- हिन्दुस्तान उनका देश है, यहीं जन्मे हैं और यहीं रहेंगे। ऐसे में वे सभी अपने देश के हित में सोचें, दूसरों के बहकावे में नहीं आएं।
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