Wednesday, January 1, 2020

बाहरी दखलअंदाजी का आरोप लगा कुलपति समेत 5 लोगों ने दिया इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इस्तीफा


प्रयागराज. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हांगलू ने बुधवार (1 जनवरी) देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि गुरुवार को उन्होंने अपने इस्तीफे की पुष्टी की। दरअसल हांगलू के खिलाफ वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर जांच भी चल रही थी। हांगलू समेत पांच लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इस्तीफे के बाद हालांकि हांगलू ने कहा कि उनके साथ षडयंत्र किया गया है। ईमानदार लोगों के साथ ऐसा ही होता है।
कुलपति ने अपना इस्तीफा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा है था जिसे मंजूर कर लिया गया है और उनकी फाइल को राष्ट्रपति के पास भेज भेज दिया गया है। कुलपति के अलावा इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ला, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रामसेवक दुबे, जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर चितरंजन कुमार और वित्त अधिकारी डॉ सुनील कांत मिश्रा ने भी इस्तीफा दे दिया है। इन चारों अधिकारियों ने अपना इस्तीफा कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू को भेजा है।
जनसंपर्क अधिकारीडॉ. चितरंजन कुमारने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में लगातार माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी। यहां के रूटीन कार्यों में भी बाहरी दखलअंदाजी इतनी ज्यादा हो गई थी। काम करना मुश्किल हो रहा था। ऐसी विपरीत परिस्थितियों की वजह से सारे प्रशासनिक अधिकारी मानसिक रूप से बहुत परेशान थे। उसी परेशानी की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। मैंने भी आज अपना इस्तीफा कुलसचिव को सौंप दिया है।
विवादित कुलपति के तौर पर याद किए जाएंगे हांगलू
30 दिसंबर 2019 को अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू सबसे ज्यादा विवादित वीसी के रूप में याद किए जाएंगे। साल के पहले दिन देर शाम भेजे गए उनके इस्तीफे को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंजूर कर लिया है।
उन पर लगे आरोपों की जांच केंद्रीय स्तर पर कराई जा रही थी। इसके अलावा उन पर महिला उत्पीड़न को लेकर भी आरोप लगा था। एक महिला मित्र के साथ उनके कथित अंतरंग बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद उनकी खूब शिक्षा लेकर हुई थी।प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 30 दिसंबर 2015 को इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का कार्यभार ग्रहण किया था।

उन पर लगे आरोपों की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से भी की गई थी जिसमें महिला आयोग ने उन्हें तलब किया था आयोग ने सख्त रुख अख्तियार करती हुए 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर जवाब नहीं दिया तो पुलिस के जरिए सम्मन भेजकर उन्हें बुलाया जाएगा। उस दौरान वह विदेश में थे, बावजूद इसके वहां से लौटने पर सीधे दिल्ली स्थित महिला आयोग कार्यालय गए और वहां 3 घंटे तक आयोग की महिला सदस्यों के सवालों का जवाब देते रहे। इधर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्राएं उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरतथीं।

प्रोफेसर रतनलाल हांगलू का विवादों से पुराना नाता
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रो. रतनलाल हंगलू पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय में कुलपति थे। वहां भी उनके खिलाफ महिला उत्पीड़न समेत कई संगीन आरोप लगे थे। वहां की एक महिला ने तो उनका यहां तक पीछा किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच उनकी करतूत की पोल खोल डाली थी। महिला ने सार्वजनिक मंच पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कल्याणी विश्वविद्यालय में उन्हें कुलपति रहते उनकी बेटी का उत्पीड़न किया था।


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Four people, including the chancellor, accused of external interference interfered with resignation from Allahabad University


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