
जीवन मंत्र डेस्क. 25 जनवरी से गुप्त नवरात्रि शुरू होगी। इस बार गुप्त नवरात्रि विशेष सिद्धि योग में आ रही है। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों के संयोगों से साधना करने वाले गृहस्थ साधकों को सिद्धि प्राप्त करना आसान होगा। यह अवसर साधकों के लिए खास रहेगा। गुप्त नवरात्र 25 जनवरी से शुरू होकर 3 फरवरी को समाप्त होगी। पारण 4 फरवरी को होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं प्रवीण द्विवेदी के अनुसार गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
नहीं पहनने चाहिए काले कपड़े
- पं द्विवेदी के मुताबिक नौ दिन व्रत रखने वाले साधकों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। नमक और अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। दिन में सोना नहीं चाहिए। किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। साधक को माता की दोनों समय आरती करना चाहिए। इन दिनों में दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष लाभदायी होता है।
- गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान बताया गया है। इस नवरात्रि में माता की आराधना रात के समय की जाती है। इन नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकती है। अगर कलश की स्थापना की है तो दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
नवरात्रि पर शुभ संयोग
- पं द्विवेदी के अनुसार गुप्त नवरात्र स्वयं सिद्ध होती हैं। जिसमें 10 महाविद्याओं का पूजन किया जाता है। यह ऐसे विशेष समय है जब गृहस्थ और साधक कम समय में अपनी इच्छा अनुसार सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
- ये है विशेष योग - माघ शुक्ल पक्ष एकम तिथि, दिन शनिवार, श्रवण नक्षत्र, सिद्धि योग, मकर राशि, राशि स्वामी शनि और नक्षत्र स्वामी चंद्र की मौजूदगी में विशेष सिद्धि योग बन रहा है। इसलिए यह नवरात्रि गृहस्थ और संन्यासी साधकों के लिए पूर्ण फल प्राप्ति का सही समय है।
ऋषि शृंगी ने बताई गुप्त नवरात्रि कथा
ऋषि शृंगी साधना करने के बाद भक्तों को दर्शन दे रहे थे। उसी वक्त भीड़ में एक महिला ने ऋषि का आशीर्वाद लेने के बाद अपनी व्यथा सुनाई कि मेरे पति व्यसनी है। इस वजह से हम रोज पूजन नहीं कर पाते हैं। क्या ऐसा उपाय करें जिससे मुझे कम समय में देवी का आशीर्वाद मिले। ऋषि ने बताया अगर गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं का पूजन नियमानुसार कर लेते हैं, तो जातक को पूर्ण फल प्राप्त होता है। महिला ने गुप्त नवरात्रि का नियमानुसार पूजन किया। इससे उनके पति सदाचारी गृहस्थ हुए और घर में समृद्धि आई। तभी से गुप्त नवरात्रि गृहस्थ लोगों में प्रचलित हुई।
इस नवरात्रि में रात्रिकालीन अनुष्ठान
माघ और आषाढ़ महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन और साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में रात्रिकालीन साधना होती है। देवी शास्त्रों की मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या के पूजन से मनोकामना पूर्ण होती है। गुप्त नवरात्रि में, प्रत्यक्ष नवरात्रि जैसा ही साधना, पूजा पाठ करने का नियम है। पहले दिन कलश स्थापना व आखिरी दिन विसर्जन के बाद पारण होता है।
महाविद्याओं की साधना शुभ
गुप्त नवरात्रि साधकों के लिए विशेष है। इस नवरात्रि में साधक गुप्त शक्तियों की साधना करते हैं। खासतौर से 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। देवी भागवत के अनुसार जो साधक गुप्त नवरात्रि में कम समय में 10 महाविद्याओं में से किसी भी महाविद्या की साधना करना चाहते हैं, वह इस गुप्त नवरात्रि में अनुष्ठान करें तो उन्हें जल्दी सफलता मिलेगी तथा मनोकामना पूरी होगी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37438lW
0 comments: