गोरखपुर. मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होने वाले पारंपरिक खिचड़ी मेला के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ अराजक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस ने खास इंतजाम किया है। गोरखनाथ मंदिर में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर की भूमिका में नेपाल के राजा की खिचड़ी चढ़ाएंगे। इसके बाद अन्य श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू होगा। लेकिन लोगों को पॉलीथिन में खिचड़ी न लाने की अपील की गई है। मंदिर परिसर को पॉलीथिन मुक्त रखा गया है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गोरखनाथ मंदिर में आदिकाल से मकर संक्रांति के दिन गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा है। इसके बाद से शुभ कार्यो की शुरुआत हो जाती है। गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ के अनुसार इस साल शुभ संवत 2076 शाके 1941 सूर्य उत्तरायण ऋतै माघ मास कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि बुधवार को प्रात: 8.24 पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसकी वजह से संक्रांति का पूर्ण काल रात्रि 2.48 बजे से प्रारंभ होकर सायं काल सूर्यास्त तक रहेगा। इस नाते मकरसंक्रांति का पर्व 15 को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति का पर्व गोरखपुर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। विश्व प्रसिद्ध नाथ सम्प्रदाय के एकलौते भव्य मंदिर गुरु गोरखनाथ में संक्रांति के दिन देश ही नहीं बल्कि विश्व के कोने कोने से लाखों की सख्या में श्रद्धालु आते हैं और बाबा को खिचड़ी चढ़ाकर अपनी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। 13 जनवरी से लगने वाला यह मेला 1 माह तक चलता है। जिसमें पहली भीड़ मकर संक्रांति के दिन और दूसरी भीड़ बुढ़वा मंगल के दिन लगती है।
मंदिर कार्यालय के प्रभारी द्वारिका तिवारी ने बताया कि, पिछले कई सालों से गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी नाथ सम्प्रदाय के परम्परा को लेकर निभाई जाती है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर खिचड़ी चढ़ाते हैं। जब योगी आदित्यनाथ सांसद थे, तभी उसी भाव से परम्परा को निभाते थे। आज जब प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, तभी उसी भाव से वो नाथ सम्प्रदाय की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं।
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