लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में 2017 से 2019 तक486 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, इनमें 213 लोगों की मौत हो गई।ज्यादातर दुर्घटनाएं तेज रफ्तार और रोड के घुमावदार होने के कारणहुईं।बस हादसेके बाद भी स्थानीयप्रशासन सतर्क नहीं है।कन्नौजमें 13 ब्लैक स्पॉट चिह्नितहैं। इसके बावजूद 100 मीटर के दायरे में कहीं कोई संकेतक बोर्डनहीं लगाया गया है। कन्नौज बस हादसे में आग लगने से 20 लोगों के जलने की आशंका है।
हालांकि, अब जिला प्रशासन एहतियातन उन जगहों को चिह्नितकरने में जुट गया है, जहां सबसे ज्यादा हादसे हुए। छिबरामऊ पुलिस के अनुसार,2018 में इसी रोड पर 3बड़े हादसे हुए। 2019 में एक ही केसदर्ज है। इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई। सिर्फ 8 लोग घायल हुए।हाल ही मेंहुए हादसे में 11 की मौत की पुष्टि हुई और 25 घायल हुए हैं। हर बार हादसों के बाद जागरूकता अभियान चलाया गया।
परिवहन विभाग ने किए हैं चिह्नित
परिवहन विभाग का दावा है कि जिले में हादसोंको रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय बढ़ाए जाएंगे।आरटीओ संजय कुमार झा ने बताया किविभाग ने जिले में 13 जगहों को ब्लैक स्पॉट के तौर परचिह्नितकिया है। इन सभी जगहों पर जल्द सांकेतिक बोर्ड लगाए जाएंगे। इसमें रिफ्लेक्टर औरलाइट्सलगाई जाएंगी।
एक्सप्रेस-वे, हाईवे पर भी स्पॉट चिह्नित
हाइवे पर मानीमऊ बाजार, मोजचीपुर रेलवे क्रॉसिंग, तिर्वा क्रॉसिंग, अंधा मोड़ सरायमीरा, मकरंदनगर क्रॉसिंग, गोर्वधनी तिराहा, हरदोई मोड़, पश्चिमी बाइपास, मंडी समिति, सिकंदपुर कस्बा, करमुल्ला चौराहा, सराय प्रयाग, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 207 से 210 तक ब्लैक स्पॉट चिह्नित किएगए हैं। एसपी अमेन्द्र सिंह का कहना है कि छिबरामऊ ब्लैक स्पॉट में दर्ज हैं और वहां पर संकेतक चिह्नभी है।
क्या है ब्लैक स्पॉट्स?
एक ही स्पॉट पर 3 साल में कम से कम 5 से अधिक हादसे और 3 से ज्यादा मौतें हुई हों, उस जगह को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है। आरटीओ, ट्रैफिक और पीडब्ल्यूडी टीम के सर्वे के बाद इन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया जाता है। ऐसी जगहों पर हादसे को टालने के लिए वैकल्पिक सड़क बनाए जाने की भी व्यवस्था है। ‘धीरे चलें’, ‘दुर्घटना बाहुल्य इलाका है’, ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’जैसे स्लोगन लगे बोर्ड ब्लैक स्पॉट्स पर हादसे को रोकने के लिए लगाए जाते हैं। स्पीड ब्रेकर बनाए जाते हैं, जिससे तेज गति में कोई गाड़ी न गुजरे।
ट्रक से भिड़ंत के बाद बस में आग लग गई थी
कन्नौज केछिबरामऊ इलाके मेंजीटी रोड पर बिलोई गांवके पास शुक्रवार रात (10 जनवरी) ट्रक की टक्कर के बाद स्लीपर बस में आग लग गई थी। हादसे के बाद बमुश्किल 10-12 सवारियां सुरक्षित निकल सकीं। करीब 20 लोगों के जलने की आशंका है, जिनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाएगा। वहीं, करीब 25 यात्रियों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। ये यात्री झुलस गए थे। हादसे के बाद एक के बाद एक तीन ब्लास्ट हुए, जिससे लोगों को निकलने का मौका तक नहीं मिला था।हादसे की वजह कोहरे बताया जा रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/30fpMVB
0 comments: