Thursday, November 12, 2020

हम कोरोना वैक्सीन के 240 करोड़ डोज बनाने में सक्षम, पर लोगों तक 55 करोड़ ही पहुंचेंगे

भारत में सिप्ला, कैडिला हेल्थकेयर और भारत बायोटेक जैसी कंपनियां कोरोना वैक्सीन डेवलप करने के लिए एडवांस स्टेज में पहुंच गई हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियां देश की जरूरत के लायक वैक्सीन डोज बनाने में सक्षम हैं। लेकिन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण वैक्सीन आने के बाद एक साल में टीकाकरण अभियान एक तिहाई ही हो पाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक देश की अधिकतर आबादी को टीका लगाने के लिए भारत को 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी। भारतीय कंपनियां 240 करोड़ डोज बना सकती हैं। टीकाकरण के लिए जरूरी पर्याप्त वाइल, स्टोपर्स, सीरिंज, गेज, अल्कोहल स्वाब बनाने की क्षमता भी भारत के पास है। लेकिन, कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रीजरेटेड वैन की संख्या कम होने के कारण एक साल में 55 से 60 करोड़ डोज ही लग पाएंगे।

भारत जिन टीकों की पहले उम्मीद कर रहा है उनमें एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन शामिल हैं। इन्हें 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में स्टोर करना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जनवरी, 2021 तक टीके उपलब्ध हो सकते हैं।

वैज्ञानिक सलाह मानने में भारत के नीति निर्माता अमेरिका से आगे

कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए रणनीति तैयार करते समय वैज्ञानिक सलाह को तरजीह देने के मामले में भारतीय नीति निर्माता दुनिया में 15वें स्थान पर हैं। न्यूजीलैंड पहले, चीन दूसरे और अर्जेंटीना के नेता तीसरे स्थान पर हैं। हैरानी की बात है कि दुनिया में सबसे ज्यादा वैज्ञानिक देने वाले देशों में शामिल अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन के लॉ मेकर काफी पीछे हैं। जापान 17वें, फ्रांस 18वें, रूस 21वें, ब्रिटेन 22वें, ब्राजील 23वें और अमेरिका 24वें स्थान पर हैं।

यह जानकारी साइंटिफिक जर्नल प्रकाशित करने वाली संस्था फ्रंटियर के ताजा सर्वे में सामने आई है। मई और जून में हुए इस सर्वे में अलग-अलग देशों के 25 हजार शोधकर्ताओं से बात की गई। इसके मुताबिक न्यूजीलैंड के रिसर्चर अपने सांसदों से सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं। वहां के करीब 75 फीसदी शोधकर्ताओं ने कहा कि उनके नेता वैज्ञानिक सलाह को स्वीकार करते हैं।

एक दिन में पहली बार 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत

कोरोनावायरस महामारी के कारण बुधवार को दुनियाभर में 10,178 लोगों की मौत हुई। पहली बार इस महामारी के कारण एक दिन में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। अब तक 12,88 हजार से ज्यादा लोगों को यह बीमारी लील चुकी है। बुधवार को सबसे ज्यादा 1479 मौतें अमेरिका में हुई हैं। अमेरिका में अब तक 2,47,398 लोगों ने कोरोना के कारण जान गंवाई है। यूरोप के अलग-अलग देशों को मिलाकर बुधवार को कुल 4,774 लोगों ने जान गंवाई। 623 मौतों के साथ इटली पहले स्थान पर रहा।

कोवीशील्ड वैक्सीन के चार करोड़ डोज तैयार

अब तक सबसे भरोसेमंद मानी जा रही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोवीशील्ड के चार करोड़ डोज तैयार कर लिए गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर ने इसके ट्रायल के लिए 1600 वालंटियर का चुनाव किया है। इसके अलावा वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में भी चल रहा है। आईसीएमआर परीक्षण स्थलों से जुड़े खर्च उठा रहा है।

यूरोपियन यूनियन फाइजर से 30 करोड़ डोज खरीदेगा

यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि वह बायोएनटेक और फाइजर द्वारा विकसित टीके के 30 करोड़ डोज खरीदेगा। कंपनियों ने बताया कि इस साल के अंत तक डिलीवरी शुरू हो जाएगी। हालांकि ईयू ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि टीके को किस तरह रोलआउट किया जाएगा और कहां कितने डोज पहुंचाए जाएंगे। फाइजर ने दावा किया है कि उसका टीका 90 फीसदी से ज्यादा असरदार है।



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We are able to make 240 crore doses, but will reach 55 crore people


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