लॉकडाउन में केरल की एक पंचायत ने नई कृषि क्रांति खड़ी कर दी है। जब 23 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन के घोषणा हुई थी, तभी एर्नाकुलम जिले की वडक्ककेरा ग्राम पंचायत ने तय किया वे इस समय का बखूबी इस्तेमाल करेंगे। सामूहिक चर्चा के बाद तय हुआ कि गांव की खाली पड़ी जगह, घरों के आसपास और छतों पर सब्जियां उगाएंगे।
पहले हफ्ते करीब 4800 परिवार इस मुहिम में जुड़े। कुछ ही दिनों में गांव के 10 हजार 312 परिवारों में 9417 परिवार जुड़ चुके हैं। अब केरल सरकार के कृषि विभाग ने इन किसानों के लिए बाजार भी तैयार कर दिया है, जहां सभी अपनी उपज बेच सकते हैं। पंचायत की तरफ से बेस्ट फार्म और बेस्ट किसान को अवॉर्ड भी दिया जा रहा है।
द वेजिटेबल फार्मिंग चैलेंज मुहिम के तहत खुद को सब्जियों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने वाले इस गांव के परिवारों ने पहले छोटे-छोटे समूह बनाए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने-अपने घरों के आसपास खाली पड़ी जगहों को साफ किया। इसके बाद इनकी जुताई कर इन्हें सब्जी बोने लायक खेत में तब्दील किया।
लोगों ने तय किया- पेस्टीसाइड का इस्तेमाल नहीं करेंगे
ग्राम पंचायत ने अलग-अलग किस्म के बीजों के 20 हजार से अधिक पैकेट मुफ्त बांटे। तय हुआ कि पेस्टीसाइड का इस्तेमाल नहीं करेंगे और आर्गेनिक फार्मिंग अपनाएंगे। आज यहां के हर घर में भिंडी, बैंगन, कद्दू, करेला, लाल भाजी और लौकी की फसलें लहरा रही हैं।
सामूहिक प्रयासों से मिली सब्जी की उपज इतनी ज्यादा थी कि केरल सरकार के कृषि विभाग ने किसानों के लिए बाजार तैयार करके दिया है, जहां गांव के लोग अपनी सब्जियां बेच सकते हैं। यह मार्केट सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलता है।
पंचायत के सहायक कृषि अधिकारी एस सीना बताते हैं कि हमने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह फार्मिंग प्रोग्राम शुरू किया था, ताकि लॉकडाउन में घर में रहते हुए वह सब्जियां उगाएं। यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहा। गांव के ज्यादातर लोग अब साथ खेती का आनंद उठा रहे हैं।
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