यूरोप के कई देशों में लॉकडाउन का असर खत्म हो रहा है जिंदगी डरी-सहमी है और बहुत ही धीमी गति से कहीं-कहींपटरी पर लौट रही है। डेनमार्क, जर्मनी, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया में स्कूल और दुकानें खुलनेलगी हैं। आम लोगों के बीच कोरोना का खौफ इतना है कि लोग बात करने से भी घबराते हैं। हर जगह,हर जरूरी सावधानी बरती जा रही है।
तस्वीरों में देखिए कोरोना ने खिलखिलातेपश्चिम को कितना बदल कर रख दिया, और कुछदेशों में लॉकडाउनखत्म होनेके बीचकितनी सावधानी बरती जा रही है।
जर्मनी : तस्वीर जर्मनी के स्कॉनबर्ग सिटी पार्क की है। यहां लोग अपने परिजनों के साथ पहुुंच तो रहे हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा बरकरार रखना नहीं भूल रहे हैं।डेनमार्क : लम्बे लॉकडाउन के बाद कोपेनहेगन में लोग सैलून पहुंच रहे हैं। इस दौरान यहां काम करने वाले मास्क और ग्लव्स के साथ ही काम कर रहे हैं। हालांकि सैलून का रुख बहुत कम लोग ही कर रहे हैं।रोम : रेस्तरां और दुकानें खुलने लगी हैं। शहर के कई रेस्तरां में टेबल पर आमने-सामने दो लोगों के बीच कांच की शील्ड लगाई गई ताकि संक्रमण का खतरा न हो। खास बात है कि रेस्तरां आने वाले लोग ग्लव्स और मास्क लगाकर पहुंच रहे हैं।मिलान:इटली के मिलान में आमतौर पर दवा की दुकानों के शटर बंद हैं। विंडो से ही दवाएं दी जा रही हैं।जर्मनी : छात्र स्कूलों में लौट रहे हैं लेकिन इस बार क्लास का नजारा बदला-बदला सा है। एक से दूसरे स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 1 मीटर का दायरा बरकरार है और सभी छात्रों ने मास्क लगा रखे हैं।जर्मनी : 23 अप्रैल से ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवेगन के प्लांट में कर्मचारी लौटे और प्रोडक्शन शुरू हुआ। इस दौरान संक्रमण से बचाव का ध्यान रखा गया।न्यूजीलैंड: यहां के सेंट नील्सन शहर में अगले हफ्ते लॉकडाउन खुलेगा, लेकिन सड़कों पर अभी से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दोनों ओर 6 फीट लंबी लाइने खींच दी गई हैं।हॉलैंड: यहां के शिन्जिडेल शहर में स्कूल शुरू होने के बाद क्लास में ज्यादा बच्चे नहीं है। दो बच्चो के बीच भी पर्याप्त दूरी रखी जा रही है। बच्चों को मॉस्क लगाकर आने की हिदायत भी दी गई है।
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