Thursday, March 5, 2020

नंदगांव और बरसाना में हुई लट्ठमार होली, रंगभरी एकादशी पर बांके बिहारी मंदिर मनेगी फूलों की होली

जीवन मंत्र डेस्क.बरसाने में 4 मार्च और नंदगांव में गुरुवार 5 तारीख को लठमार होली खेली गई। इसके लिए नंदगांव से सखा बरसाने आए और बरसाने की गोपियों ने उन पर लाठियां बरसाई। पहले बरसानाऔर फिरनंदगांव के अलावा मथुरा और वृंदावन में भी लठमार होली खेली जाती है।ब्रज में होली का पर्व वसंत पंचमी से रंग पंचमी तक मनाया जाता है। लट्‌ठमार होली के बाद अब रंगभरनी एकादशी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों से होल खेली जाएगी।

  • ब्रज के हर तीर्थस्थल की अपनी अलग परम्परा है और होली मनाने के तरीके भी एक-दूसरे से बहुत भिन्न हैं, जिनमें बरसाना और नन्दगांव की लठमार होली बिल्कुल ही अलग है। श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ बरसाना होली खेलने आते थे। होली की मस्ती में राधा अपनी सखियों के श्रीकृष्ण और उनके साथियों पर डंडे बरसाती थीं।

नंदगांव और बरसाना में खेलीलट्ठमार होली

  • उत्तर प्रदेश के नंदगांव में गुरुवार को लट्ठमार होली खेली गई। दोपहर को बरसाना के हुरियारे यानी होली खेलने वालों की टोली यशोदा कुंड पहुंची। फिर सिर पर पगड़ी बांधकर मैदान में उतर गए, लेकिन हुरियारिनों ने उन पर लाठियां बरसा दीं। लाठियों का सामना करने के बाद होली खेलने वालों की टोलीनंदभवन पहुंची। नंदभवन में लोगों ने उनका स्वागत टेसू के फूलों से बने रंग से किया।
  • होली के गीत गाए गए और अबीर-गुलाल भी उड़ाया गया। इसके बाद टोली रंगीली गली से निकली। पंरंपरा के अनुसार गोपियों के साथ नृत्य भी किया गया। सांझ ढलने पर नंद लाला की जयकारों के साथ लट्ठमार होली खत्म हुई। टोली के लोगों ने हुरियारिनों के पैर छूकर हंसी ठिठोली के लिए क्षमा मांगी।

लट्ठमार होली क्यों मनाते हैं?

राधा की जन्म भूमि बरसाना में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए आते है। बरसाने की महिलाएं इनसे लट्ठमार होली खेलती हैं और दशमी पर रंगों से होली खेली जाती है। इस परंपरा के बारे में कहा जाता है कि कन्हैया नंदगांव से अपनी मित्र मंडली के साथ होली खेलने बरसाना जाते थे। वो राधा व उनकी सखियों से हंसी ठिठोली करते थे तो राधा व उनकी सखियां नन्दलाल और उनकी टोली (हुरियारे) पर प्रेम भरी लाठियां बरसाती थीं।


कहां-कहां खेली जाती है लट्ठमार होली
बरसाना के साथ ही मथुरा, वृंदावन, नंदगांव में भी इसी प्रकार परंपरागत होली खेली जाती है। होली की मस्ती महिलाएं हाथ में लाठियां लेकर पुरुषों को पीटना शुरू कर देती हैं और पुरुष खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागते हैं। ये सब मारना-पीटना हंसी-खुशी में होता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Lathmar Holi in Nandgaon and Barsana


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39smrGN

SHARE THIS

Facebook Comment

0 comments: