Sunday, March 15, 2020

नवरात्रि के पहले दिन अस्थाई बुलेटप्रूफ मंदिर में विराजेंगे रामलला, 25 फुट दूरी से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

अयोध्या. रामलला को नए अस्थाई गर्भगृह में विराजमान करने की तैयारी अब अंतिम चरण में है। 25 मार्च को नवरात्र के पहले दिन फाइबर के अस्थाई मंदिर में रामलला में शिफ्ट होंगे, उस दिन से राम नवमी 2 अप्रैल तक हर साल की तरह की पूजा अर्चना की विशेष व्यवस्था रहेगी। हालांकि, रामलला की सुरक्षा व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा।ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक रामलला का दर्शन 50 अभी फुट की दूरी से होता है, लेकिन अस्थाई मंदिर में विराजित होने के बाद यहदूरी आधी कर दी जाएगी।

रामलला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास ने श्रद्धालुओं को प्रसाद व चढ़ावा भेंट करने के लिए अन्य मंदिरों की तरह छूट दिए जाने का सुझाव दिया है। कहा कि, श्रद्धालुओं की भावनाओं को देखते हुए उन्हें सभी तरह के प्रसाद चढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। रामलला को पारदर्शी पैकेजिंग में इलायची दाने व मिश्री का ही प्रसाद चढ़ता है।

नवरात्रि में हर दिन बदली जाएगी रामलला की ड्रेस
सत्येंद्र दास ने कहा- नवरात्रि में ठाकुर जी की ड्रेस दिन के हिसाब के रंगों में बदली जाती है। कलश स्थापना कर नवग्रहों का आह्वान किया जाता है। पेड़ा, मेवा, लड्डू आदि का भोग लगता है। यदि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी और भव्यता बढ़ाने के लिए जो जोड़ना चाहते हैं उसे भी जोड़ा जाएगा। इस बाबत रिसीवर व ट्रस्ट के सदस्यों से राय ली जाएगी। पुजारी ने कहा कि मेरी तरफ से दो प्रमुख सुझाव है। जिस पर गौर करना चाहिए। पहला श्रद्धालुओं को प्रसाद व चढ़ावा चढ़ाने के लिए अन्य मंदिरों की तरह छूट होनी चाहिए। अभी केवल इलायची दाने व मिश्री का ही प्रसाद, वह भी पारदर्शी पैक में चढ़ाने की अनुमति है। प्रसाद पर लगा प्रतिबंध हटना चाहिए।

पहले सभी तरह की मिठाई लड्डू, पेड़ा, वस्त्र, बर्तन आदि को रामलला को अर्पित करने की छूट थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिर से जांच पूरी कर सभी तरह के प्रसाद चढ़ाने की छूट दी जानी चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं में यहां दर्शन व प्रसाद आदि चढ़ाते समय प्रतिबंधित होने की भावना न आए। दूसरा सुझाव रामलला को भोग तैयार करने के लिए भोग भंडार गृह का निर्माण भी पास करवाया जाए। जिससे भगवान का भोग इसमें तैयार कर आसानी से अस्थाई मंदिर में पहुंचाया जा सके। पुजारी ने बताया कि अभी तक राम लला को चढ़ने वाला भोग मानस भवन में तैयार किया जाता है, जो अब नए फाइबर के अस्थाई मंदिर से काफी दूर हो जाएगा।

पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अब ऐसी व्यवस्था राम लला के दर्शन के बने जिससे यहां दर्शन के लिए आने वाले श्ऱद्धालुओ को आस्था व धार्मिक भावना की अनुभूति के साथ राम लला का दर्शन मिल सके और प्रतिबंधित माहौल के दर्शन से मुक्त रहें।

भव्य होगा कार्यक्रम
पुजारी के मुताबिक सीएम व अन्य विशिष्टजनों की मौजूदगी में राम लला को 25 मार्च को जब स्थापित किया जाएगा तो जाहिर है कि भव्य व्यवस्था रहेगी। बड़ी मात्रा में प्रसाद चढे़गा, जो श्रद्धालुओं को वितरित किया जाएगा। जितनी श्रद्धालुओं की संख्या उस कार्यक्रम में मौजूद रहेगी, उसी के आधार पर प्रसाद की भी व्यवस्था की जाएगी।





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रामलला को अस्थाई गर्भगृह में विराजित करने की तैयारी लगभग पूरी।


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