लखनऊ. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को हाल में दिल्ली में हुए दंगों ने 1984 के दंगों की तरह ही झकझोर कर रख दिया। बसपा मुखिया ने कहा कि केंद्र सरकार संसद के सत्र में इस मामले पर खुली बहस करवाए। दरअसल दिल्ली हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा अब 46 हो गया है। पुलिस ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली मेंहिंसा को लेकर अब तक 334 एफआईआर दर्ज की हैं। इसमें 44 मामले आर्म्स एक्ट के हैं। 33 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जबकि 800 से ज्यादा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सोमवार को मायावती ने एक ट्वीट में कहा, 'सन 1984 के भीषण सिख दंगे की तरह ही अभी हाल में दिल्ली के हुए दंगों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। ऐसे में बेहतर होता कि आज से शुरू हुए संसद के सत्र में केन्द्र सरकार सारे काम स्थगित करके इस मामले पर खुली बहस कराकर जनता के सवालों का जवाब देती। लेकिन ऐसा नहीं करना दुःखद है।'
दिल्ली हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई
दरअसल 23 फरवरी की रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगो में तब्दील हो गई। इन दंगों में अब तक 46की मौत हो चुकी है, जबकि 350 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा थमने की बजाय रोज बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर लोगों की मौत गोली लगने की वजह से हुई है।
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