प्रयागराज. उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। बेटे अब्दुल्लाह आजम की फर्जी मार्कशीट बनवाने के मामले में आजम खां, पत्नी तंजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दर्ज मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
हालांकि इन तीनों ने धारा 482 के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल कर अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी। आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र होने के मामले में इससे पहले भी अदालत सांसद आजम खां, विधायक डॉ. तजीन फात्मा और अब्दुल्ला के खिलाफ धारा-82 का नोटिस जारी करने का आदेश जारी कर चुकी है। सुनवाई के दौरान लगातार गैरहाजिर रहने पर सांसद आजम खां के खिलाफ कई मामलों में कुर्की की उद्घोषणा का नोटिस जारी किया जा चुका है।
दो जन्म प्रमाण पत्र को लेकर दर्ज हुआ था मामला
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना रामपुर के गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ तथ्यों को छुपाकर पासपोर्ट बनवाने के आरोप में सिविल लाइंस कोतवाली की पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 (1 ए) के तहत 30 जुलाई 2019 को मुकदमा दर्ज किया था।
मुकदमे की विवेचना के बाद चार्जशीट दायर की गई, जिसमें लिखा गया कि विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि विधायक अब्दुल्ला आजम की कक्षा दस की मार्कशीट में जन्मतिथि एक जनवरी 1993 है, जबकि पासपोर्ट कार्यालय की रिपोर्ट में 30 सितंबर 1990 अंकित पाई गई है।
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