Monday, February 3, 2020

बाहुबली फिल्म देखकर 6 साल का बच्चा बना धर्नुधर; पिता ने घर की छत को बनाया अभ्यास मैदान, अटल यूथ अवार्ड से नवाजा गया

वाराणसी. कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो राहें आसान हो जाती हैं। इसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले छह साल के अर्जुन सिंह ने साबित कर दिखाया है। रविवार को अर्जुन ने दिल्ली के इस्कॉन ऑडिटोरियम में अपने हुनर का प्रदर्शन कर अटल युवा अवार्ड हासिल किया है। पिता डॉक्टर अजय सिंह ने कहा- तीन साल की उम्र में फिल्म बाहुबली देखकर अर्जुन ने तीर-कमान मंगाया था। पिता ने तीरंदाजी के लिए मकान की छत को अभ्यास का मैदान बनाया है। वे खुद अपने बेटे को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

अर्जुन सोमवार को जब अपने घर पहुंचा तो आसपास के लोग उसे बधाई देने पहुंचे। अर्जुन बड़ालालपुर का रहने वाला है। पिता डॉ. अजय सिंह नेजब अर्जुन ने बाहुबली फिल्म देखने के बाद तीर धनुष लाने की जिद की थी तो इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह आगे चलकर निशानेबाज बनेगा। मैं उस वक्त हैरत में पड़ गया था। इसकी ट्रेनिंग मैं ही घर पर ही पूरी कराता हूं।अर्जुन कहता है कि उसे ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड चाहिए। उसे बाहुबली की तीरंदाजी बेहद पसंद है।


डॉ. सिंह ने बताया कि दो फरवरी को दिल्ली में हुई प्रतियोगिता में आयुष मंत्री श्रीपद नाइक मुख्यातिथि थे। ये अवार्ड सेरीमनी अटल भारत स्पोटर्स एंड कल्चरल एशोसियेशन और इंडिया नेहरू युवा के केंद्र द्वारा करवाया गया था।


नन्ही उम्र में किया बड़ा नाम
साढ़े तीन साल की उम्र में अर्जुन ने अक्टूबर 2017 में पहला नेशनल अंडर 9 विजवाड़ा में खेला था। उसका 16 वां स्थान था।अप्रैल 2018 में इंदौर नेशनल खेला, इसमें उसे कोई स्थान हासिल नहीं हुआ। साल 2018 में उसका सेलेक्शन इंटरनेशनल प्रिंसेस कप अंडर 12 थाईलैंड के लिए हुए। जहां वह क्वाटर फाइनल में हार गया था। लेकिन उसने हार नहीं मानी। दूसरा इंटरनेशनल नवंबर 2019 में इंडोर यूथ आर्चरी वर्ल्ड कप अंडर 12 मकाऊ चाईना में हुआ। जिसमें अर्जुन ने सेकेंड पोजिशन हासिल कर सिल्वर मेडल भारत को दिलाया। मलेशिया में दिसम्बर 2019 में इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अर्जुन ने भारत को ब्रांज पदक दिलवाया था।



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पिता के साथ नन्हा तीरंदाज अर्जुन सिंह।


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