जीवन मंत्र डेस्क.हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को जया एकादशी व्रत किया जाता है। साल में अाने वाली 24 एकादशियों में ये भी महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को करने सेपिछले कार्मिक दोषों से मुक्ति मिल सकती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए जया एकादशी को खास माना जाता है। ये व्रत करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी छुटकारा मिल सकता है। इस बार जया एकादशी का व्रत 5 फरवरी को किया जाएगा।
कैसे करें जया एकादशी व्रत
- एकादशी पर भगवान विष्णु का ध्यान करके संकल्प करें और फिर धूप, दीप, चंदन, फल, तिल एवं पंचामृत से विष्णु की पूजा करें।
- शास्त्रों में बताया गया है कि जया एकादशी व्रत के दिन पवित्र मन से भगवान विष्णु की पूजा करें। मन में द्वेष, छल-कपट, काम और वासना की भावना नहीं लानी चाहिए।
- नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- जो लोग इस एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें दशमी तिथि को एक समय आहार करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि आहार सात्विक हो।
महत्व
प्रत्येक एकादशी व्रत किसी न किसी श्रेष्ठ उद्देश्य की पूर्ति करने में सहायक होता है। माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली जया एकादशी समस्त एकादशियों में बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि यह सर्वत्र जीत दिलाती है। जया एकादशी के बारे में कहा जाता है कि जहां मनुष्य का भाग्य भी साथ नहीं देता, वहां जया एकादशी का व्रत प्रत्येक काम में जीत दिलाने में मदद करता है। इस बार ये एकादशी 5 फरवरी को आ रही है। इस एकादशी के दिन गन्ने के रस का फलाहार किया जाता है।
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