लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ में 19 दिसंबर को हिंसा के दौरान तोड़फोड़ करने वालों को जिला प्रशासन ने रिकवरी नोटिस जारी किया है। कमिश्नर ने बताया कि इसपूरे मामले में 4.50 करोड़ रुपए की वसूली की जानी है।नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।
कमिश्नर की तरफ से इसके लिए गुरुवार को पहली सूची जारी की थी, जिसमें13 लोगों को हर्जाना की राशि जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि नुकसान के कुल करीब साढ़े चार करोड़ रूपएकी रिकवरी की जानी है और यह अभी पहली सूची है।
मेश्राम ने बताया कि 19 दिसंबर को हुए उग्र प्रदर्शन को लेकर एडीएम टीजी की अदालत का यह पहला फैसला है। कुल 4.5 करोड़ रुपये की रिकवरी होनी है। आने वाले दिनों में कोर्ट इस तरह के और फैसले सुनाएगी। जिन 13 लोगों पर रिकवरी तय हुई है उन्हें हर हाल में 30 दिन के अंदर पैसा जमा करना होगा।
सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने वालों को नोटिस जारी
उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर को लखनऊ में हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है।अभी तक 13 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किये गये हैं, जिन्हें 21.76 लाख रुपए जमा करना होगा। जिन्हें नोटिस जारी हुआ है, इन लोगों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही गाड़ियों में तोड़फोड़ तथा आगजनी करने में संलिप्तता है। करीब एक दर्जन गाड़ियों को आग के हवाले किया गया था।
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