लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लखनऊ यूनिवर्सिटी राजनीति शास्त्र विभाग ने पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। इसको लेकर उप्र में सियासत और तेज हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यादव ने भी कड़ा ऐतराज जताया है। योगी सरकार पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा कि यही हाल रहा तो जल्द ही मुखिया जी की जीवनी भी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी और लेक्चर की जगह उनके प्रवचनों को शामिल किया जाएगा।
अखिलेश् यादव ने शनिवार को टि्वट करते हुए लिखा है, '' सुनने में आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में सीएए को रखा जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो शीघ्र मुखिया जी की जीवनी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएगी व लेक्चर की जगह उनके प्रवचन होंगे और बच्चों की शिक्षा में उनकी चित्र-कथा भी शामिल की जाएगी।''
राजनीति शास्त्र की विभागाध्यक्षका तर्क
लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की विभाग्याध्यक्ष शशि शुक्ला ने बताया कि वो जल्द ही सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे।हम एक पेपर लाएंगे, जिसका विषय भारतीय राजनीति में समसामयिक मुद्दे होंगे। ये विचाराधीन है कि सीएए के मुद्दे को भी इस पेपर में शामिल करें। हम इसे सिलेबस (पाठ्यक्रम) में शामिल करेंगे और इसे बोर्ड में प्रस्ताव के रूप में रखेंगे, पास हो जाने पर इसे एकेडमिक (अकादमिक) काउंसिल के पास भेजा जाएगा।वहां से पास होने पर इसकी पढ़ाई शुरू होगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने टि्वट कर जतायी थी नाराजगी
मायावती ने ट्वीट किया- ''सीएए पर बहस आदि तो ठीक है लेकिन कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी होने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित। बसपा इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी।''
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2uvSvK6
0 comments: