लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से गुरुवार को गंगा यात्रा की औपचारिक शुरूआत की। इस मौके पर दो रथों को रवाना करने के बाद उन्होंनेकहा कि मां गंगा तो हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गंगा यात्रा के रथों को उनके गंतव्यों तक भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निश्चय किया है किगंगा के किनारे की 1038 ग्राम पंचायतों और 21 नगर निकायों में खेती या बागवानी के कार्य विशुद्ध रूप से ऑर्गेनिक ढंग से कराए जाने पर जोर दिया जाएगा।
लखनऊ में अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा के दो रथों को रवाना किया। 27 जनवरी को एक रथ बिजनौर से और दूसरा रथ बलिया से रवाना होगा। इसके बाद 31 जनवरी को दोनों रथ कानपुर पहुंचेंगे। बिजनौर और बलिया से आरंभ होने वाली दोनों ही यात्राओं का समागम कानपुर में 31 जनवरी को होगा।
सरकार का लक्ष्य गंगा को अविरल और निर्मल बनाने का है- योगी
योगी ने कहा कि गंगा हमारी आस्था ही नहीं अर्थव्यवस्था भी हैं।पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हमारी सरकार का लक्ष्य गंगा नदी को साफ और निर्मल बनाने का है। हमारे देश में आस्था का प्रतीक तो गंगा नदी ही है। इनको तो जीवनदायिनी माना जाता है। गंगा यात्रा 27 जनवरी से 31 जनवरी तक चलेगी।
सीएम ने कहा कि-गौ आधारित खेती के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कानपुर में किया गया है। कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर सीसामऊ नाले में प्रतिदिन गिरता था। आज मुझे बहुत प्रसन्नता है कि नमामि गंगे परियोजना में प्रदेश सरकार ने जो कार्य किया उसका परिणाम है कि आज एक बूंद सीवर भी गंगा मइया में नहीं गिर रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत फिल्म बनाई गई है।
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