वाराणसी. उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के लिएलोगों की आस्था उमड़ी हुई है। श्रद्धालु सुबह से ही घाटों पर स्नान और दान कर पुण्य का लाभ ले रहे हैं। तिथि विशेष पर पुण्य की डुबकी के लिए आसपास के जिलों से भीश्रद्धालुओं की भीड़ एक दिन पहले ही बनारस पहुंच गई थी। बसों और ट्रेनों से आए श्रद्धालुओं ने ठंड के कारण स्टेशनों पर ही विश्राम किया और आधी रात के बाद गंगा के घाटों पर जाकर पवित्र स्नान करना शुरू कर दिया।
काशी में प्रमुख स्नान गंगा घाटों पर हुआ तो दशाश्वमेध सहित प्रमुख घाटों पर आस्था का रेला तड़के से ही नजर आया। मौन के महत्व को मानते हुए लोगों ने मौन व्रत कर ईष्ट की आराधना की। स्नान दान के साथ गोदान कर सूर्य को अर्घ्य देकर वर्ष भर सुख और श्री समृद्धि की कामना की।
शिवालयों में लोगों ने गंगा जल चढाकर शिवोपासना की तो अन्य प्रमुख मंदिरों में भी लोगों ने दर्शन् पूजन किया। बाबा दरबार में सुबह से ही आस्था का रेला उमड़ता रहा और हर हर महादेव से काशी की गलियां गूंज उठीं।
पूर्वांचल में भी कई जिलों में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी
पूर्वांचल के मीरजापुर, भदोही, गाजीपुर और बलिया आदि जिलों में गंगा नदी में स्नान की मान्यता की वजह से सुबह से ही आस्था का रेला नदियों की ओर उमड़ पड़ा। लोगों ने स्नान दान और दर्शन पूजन के साथ ही गोदान का वैतरणी पार करने की कामना की। मऊ, आजमगढ़ और बलिया जिले में पुण्य सलिला सरयू नदी में भी सुबह से आस्थावानों का रेला लगा रहा। वहीं गंगा-गोमती के संगम स्थल कैथी में भी लोगों ने स्नान दान किया। जबकि पूर्वांचल के प्रमुख मंदिरों में लोगों का हुजूम उमड़ा तो लोगों ने भावनानुरुप गरीबों को दान कर आशीष भी लिया।
आचार्य रवि दिनकर शुक्ल ने बताया कि आज के दिन मौन रहकर स्नान करने से मन की शुद्धि होती है। सभी तरह के पापों का मोचन होता है। जीवन मे ग्रहों का योग अगर बुरा प्रभाव डाल रहा है ,तो तिल, चावल,अन्न,वस्त्र दान करना चाहिए।जाने अनजाने अगर किसी को कष्ट आपके द्वारा पहुंचा हो तो, आज के दिन स्नान कर भगवान भास्कर को एक जल देने से अपयश से मुक्ति मिलती है।
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