जीवन मंत्र डेस्क. शनिवार, 25 जनवरी से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। देवी पूजा का ये पर्व सोमवार, 3 फरवरी तक रहेगा। एक साल में चार बार नवरात्रि आती है। माघ-आषाढ़ मास की गुप्त और चैत्र-आश्विन मास की नवरात्रि सामान्य रहती है। माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार महाविद्याओं की साधना योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए। नवरात्रि में देवी मां के साथ ही शिवजी की भी पूजा जरूर करें। शनिवार से नवरात्रि शुरू होने से इस दिन शनिदेव का भी विशेष पूजन करेंगे तो सकारात्मक फल मिल सकते हैं।
नवरात्रि के समय ध्यान करने का महत्व काफी अधिक है। देवी मां की पूजा करें, मंत्र जाप करें और ध्यान करें। मेडिटेशन से मन शांत होता है और विचारों में सकारात्मकता बढ़ती है। इन दिनों में नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए। देवी मंत्र ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम: का जाप कम से कम 108 बार करें।
नवरात्रि में देवी दुर्गा के साथ ही महादेव की भी पूजा जरूर करें। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। चांदी के लोटे से दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतुरा चढ़ाएं। दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें। मंत्र जाप करते हुए मेडिटेशन करें।
- शनि के लिए तेल का दान करें
शनिवार से गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। इस योग में शनि के लिए विशेष पूजा-पाठ करनी चाहिए। किसी मंदिर में या जरूरतमंद व्यक्ति को तेल का दान करें। शनि को नीले फूल चढ़ाएं। ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें। जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
- गुप्त नवरात्रि में इन बातों का रखें ध्यान
नवरात्रि में पूजा-पाठ करने वाले व्यक्ति को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में गंदगी न रखें। सुबह-शाम घर के मंदिर में दीपक जलाएं। नकारात्मक और गलत विचारों से बचें। विचारों की पवित्रता बनाए रखें। किसी भी तरह के अधार्मिक कामों से खुद को दूर रखें। इन बातों का ध्यान रखेंगे तो देवी मां के पूजन से सकारात्मक फल मिल सकते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2RJW5IG
SHARE THIS
0 comments: