Wednesday, January 22, 2020

शुक्रवार और अमावस्या का योग, पवित्र नदी में स्नान और पितरों के लिए तर्पण करने का शुभ योग

जीवन मंत्र डेस्क. 24 जनवरी को शुक्रवार और मौनी अमावस्या का योग है। इस शुभ योग में पवित्र नदियों में स्नान करने और पितरों के लिए तर्पण करने की परंपरा है। माघ मास की अमावस्या का महत्व काफी अधिक है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शुक्रवार को अमावस्या होने से इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। इस अमावस्या पर मौन रहकर पूजा-पाठ करने की परंपरा है। इसीलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। यहां जानिए मौनी अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...
  • अमावस्या पर करें शिव पूजन
अमावस्या पर सुबह जल्दी उ‌ठें और स्नान के बाद किसी शिव मंदिर जाएं। भगवान को चावल, पुष्प-हार, चंदन आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। इस दौरान मंत्र जाप करते रहना चाहिए।
ऊँ नम: शिवाय मंत्र जाप करते हुए शिवजी का ध्यान करना चाहिए। इस तिथि पर मौन रहकर ध्यान करने का विधान है। जल में दूध और काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। भगवान को मिठाई का भोग लगाएं। धूप, दीप जलाकर शिव आरती करें।
  • महालक्ष्मी और विष्णुजी की करें पूजा
अमावस्या तिथि पर देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन करने की परंपरा है। मौनी अमावस्या पर भी सूर्यास्त के बाद घर के मंदिर में देवी लक्ष्मी के साथ विष्णुजी की पूजा करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से भगवान का अभिषेक करें।
  • पितर देवताओं की पूजा करें
मान्यता है कि घर के मृत सदस्यों को पितर देवता होते हैं। अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। इस दिन पितरों के श्राद्ध और तर्पण आदि पुण्य कर्म किए जाते हैं।
  • पवित्र नदी में स्नान करें
अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं घर पर पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को धन का और अनाज का दान करें।

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