कानपुर. नागरिकता संसोधन कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर के विरोध में कानपुर समेत कई अन्य जिलों में प्रदर्शन करने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इिडिया (पीएफआई) के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफतार किया है। इन लोगों पर जिले के बाबूपुरवा और यतीमखाना में हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए एकत्र हुए थे। दरअसल, पिछले दिनों कानपुर में नागरिकता कानून को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए पांचों सदस्य आदित्यनाथ के प्रस्तावित दौरे पर विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाने के लिए बाबूपुरवा जा रहे थे। लेकिन पुलिस को जैसे ही मुखबिर की सूचना मिली कि पीएफआई के पांच सदस्य झकरकटी पुल के पास से होते हुए बाबूपुरवा जा रहे है।
पुलिस ने घेराबंदी करते हुए पीएफआई के पांचों सदस्यों को पकड़ लिया। इसमें मोहम्मद उमर, सैयद अब्दुल हई हाशमी, फैजान मुमताज, मोहम्मद वासिफ, सरवर आलम है। ये पांचों इस पीएफआई संगठन के सक्रिय सदस्य हैं।
पीएफआई के सदस्यों को पुलिस ने वीडियो से चिन्हित किया था
कानपुर शहर में हिंसा फैलाने की साजिश करने वाले पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े कई लोग चिह्नित कर लिए गए थे। साक्ष्य जुटाकर उन पर कार्रवाई करने की बात कही थी। यह बात भी सामने आई थी कि जुमे पर नमाज के बाद कुछ लोगों ने भाषण देकर भीड़ को भड़काया था।
एसएसपी अनंत देव ने कहा था कि संगठनके लोगों ने पहले ही हिंसा की साजिश रच ली थी। इसमें बाहरी लोग भी शामिल हैं। इन बाहरी लोगों को सर्विलांस, वीडियो फुटेज, फोटो व अन्य माध्यमों के जरिये पहचानने की कोशिश की जा रही है।
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