फर्रुखाबाद. शहर से लगभग 40 किमी दूर करथिया गांव में गुरुवार को लग रहा था कि रात हुई ही नही। 10 महीने से लेकर 12 साल तक के बच्चों को एक अपराधी ने अपने घर मे बंधक बना कर रखा हुआ था। जिनके कलेजे के टुकड़े वहां बंधक थे उनके सब्र का बांध टूट रहा था। आखिरकार रात 1 बजे के आसपास पुलिस ने अपनी रणनीति से आरोपी को जवाबी फायरिंग में मार गिराया। जिसके बाद सच सामने आया।
आरोपी तीन दिनों तक कर सकता था पुलिस का मुकाबला
आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार पुलिसिया कार्यवाई के लिए जब पुलिस ने घर की तलाशी ली तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए। आरोपी सुभाष ने बच्चों को बंधक बनाने की प्लानिंग काफी पहले से कर रखी थी। आरोपी ने घर में काफी मात्रा में कारतूस और रायफल के साथ साथ गोला बारूद भी जमा कर रखा था। पुलिस से वह मोर्चा ले सके इसलिए वह ज्यादा गोलाबारी नही कर रहा था। बल्कि दोस्त के जरिये वह बात ज्यादा कर रहा था। हालांकि शुरुआत में दहशत पैदा करने के लिए उसने गोलाबारी की जिसमे पुलिस और पब्लिक के लोग घायल हुए।
आरोपी ने 19 साल पहले काट दिया था पड़ोसी का गला
गांव वालों के मुताबिक सुभाष शुरू से ही अपराधी किस्म का व्यक्ति था। 2001 में उसने पड़ोस में रहने वाले मेघनाथ का गला चाकू से सिर्फ इसलिए काट दिया था क्योंकि उसका नाली का विवाद उससे चल रहा था। एक दिन सुभाष से झगड़ा बढ़ गया तो घर के सामने ही उसका गला रेत कर मार दिया। जिसके बाद से वह जेल काट रहा था। डेढ़ दो साल पहले जमानत पर लौट कर आया था।
स्वाट टीम के सिपाहियों से था परेशान
सुभाष को लगभग 6 महीने पहले पुलिस एक खेतों में लगने वाले पाइप चोरी के इल्जाम में पकड़ कर थाने ले गयी थी। जहां से वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। पुलिस ने तो नजरअंदाज कर दिया लेकिन उसे दोबारा स्वाट टीम ने पकड़ा। चर्चा है कि टीम के दो सिपाहियों ने पूछताछ के दौरान उसके प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया था। जिससे वह नाराज चल रहा था।
गांव वालों को मुखबिर समझ रहा था
बातचीत में गांव वालों ने बताया कि जब भी उसके साथ पुलिस का कोई मामला होता तो वह यही समझता कि गांव वालों ने उसकी मुखबिरी की है जबकि ऐसा कुछ नही था। गांव वालों को कभी ज्यादा उससे कोई मतलब भी नही रहा है। यही वजह है कि गांव वालों से बदला लेने के लिए उसने बच्चों को बंधक बनाने का प्लान बनाया।
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